देश भक्त शायरी | देशभक्ति की अनमोल भावना: हर दिल में जगेगा प्यार और गर्व :- शहीद भगत सिंह बम फेंककर क्रांतिकारी नहीं बने. अपने विचारों से बने. उनके व्यक्तित्व की सबसे बड़ी खासियत उनके विचार हैं. 23 की उम्र में वह जो कुछ लिख गए, वह उन्हें आजादी के दूसरे सिपाहियों से बिल्कुल अलग खड़ा करता है.

हिंदुस्तान में आजादी मुफ्त में नहीं आई है इसके लिए बड़े बलिदान देने पड़े है, हमारे देश में बहोत से ऐसे क्रन्तिकारी गुजरे है जिनकी ही बदौलत आज हम सुखी ज़िन्दगी जी पा रहे है।  तो उन क्रांतिकारियों को सलाम करते हुए हम उनके लिए कुछ मशहूर क्रन्तिकारी शायरी कोट्स यहां पेश कर रहे हैं. वह किस किस्म की दुनिया बनाना चाहते थे, आप उनकी कही इन बातों से समझ सकते हैं:

देश भक्त शायरी | इमोशनल शायरी

आजादी भले ही 1947 में मिल गई हो !! पर जंग तो अब भी जारी है।

देश भक्त शायरी | देशभक्ति की अनमोल भावना: हर दिल में जगेगा प्यार और गर्व
देश भक्त शायरी | देशभक्ति की अनमोल भावना: हर दिल में जगेगा प्यार और गर्व

वो इश्क़ का आलम भी गजब रहा होगा,
राँझा जिसमे भगत सिंह और हीर जिसमे आजादी रही होगी,


सीने में भगत सिंह और माथे पर हिंदुस्तान रखते है,
दुश्मन के लिए बगल में हिंदुस्तान रखते है।


इतिहास में गूंजता एक नाम है भगत सिंह,
शेर की दहाड़ का जश था जिसमे वो थे भगत सिंह,
छोटी सी उम्र में देश के लिए शहीद हुए जवान थे भगत सिंह,
आज भी जो रोंगटे खड़े करदे ऐसे विचार के धनी थे भगत सिंह।


देश भक्त शायरी

मेरे जज़्बातो से इस कदर वाक़िफ़ है मेरी कलम,
मैं इश्क़ भी लिखना चाहु तो इंक़लाब लिख जाता है।


हर्षोउल्लास की हुई थी बारिश,
सावन का हसीं महीना था,
प्रफुल्लित हुआ था देश हमारा,
देशभक्तो का तन गया सीना था,
इस बार न मांगी भिक्षा पंडित ने,
कटोरी में हक़ को छिना था।


भगत सिंह शायरी

मित्रता के वीर रस से, आजादी की गाथा सजी।
एक था संकल्पिए आर्य समाजी, और सुजा पांच वक्ता नमाजी।


क्या गरम होगा वो खून, और क्या ही उसकी जवानी होगी,
ज़िन्दगी होगी उसकी मेहबूबा, की मोत भी उसकी दीवानी होगी।


जुल्म इतना बुरा नहीं जितनी बुरी ख़ामोशी है,
बोलना सीखो वार्ना पीडिया गूंगी हो जायँगी।


भारत माँ के कई वीर सपूत हुए,
कुछ चिंगारी कुछ ओस हुए,
पर एक चिंगारी जो आग बानी,
ऐसे नेताजी बोस हुए।


रगड़ के मिटटी वतन की,
यह मेला बदन पाक हो जाये,
दरकार लाये लहू से वतन सींचने की,
मेरा कतरा कतरा आजाद हो जाये।


क्रन्तिकारी शायरी | Krantikari Shayari

क़ातिल ए इश्क़ का खुद से क़त्ल कर बैठे,
बर्बाद ए आशिक़ की हम नक़ल कर बैठे,
कुदरत ए करिश्मा देखो,
जो वतन से मोहब्बत कर बैठे।


bhagat singh Shayari image

होगी पल दो पल की ज़िन्दगी,
पर हम थोड़े ही न हे पल दो पल के,
भगत और सुभाष की भी तो,
ज़िन्दगी पल दो पल की ही थी,
पर वो जीवित आज भी है।

आपके जागने से हम सोते हैं
घुप ,गर्मी,बरसात में खड़े रहते हैं
अपने दिल से मै नतमस्तक हूं
वीर जवानों के लिए सलामती के दुआ करते हैं

कस ली है कमर अब तो, कुछ करके दिखाएंगे।।
आज़ाद ही हो लेंगे या सर ही कटा देंगे।।
हटने के नहीं पीछे, डरकर कभी जुल्मों से।
तुम हाथ उठाओगे, हम पैर बढ़ा देंगे।।

सीखा है नया हमने लड़ने का यह तरीका,
चलवाओ गन मशीनें, हम सीना अड़ा देगे।।
दिलवाओ हमें फांसी, ऐलान से कहते हैं।
ख़ूं से ही हम शहीदों के, फ़ौज बना देंगे।।

हिंदू मुस्लिम मत करों ये देश हमारी शान हैं।।
हम तब तक लड़ेंगे दुश्मन से जब तक मुझमें जान हैं।।

तिरंगे की बुलंदी के लिए कुछ भी कर जाऊंगा।
इस तिरंगे के लिए अपनी जान तक दे जाऊंगा।।

इंक़लाब आएगा रफ़्तार से मायूस न हो।
बहुत आहिस्ता नहीं है जो बहुत तेज़ नहीं।।

देश भक्त शायरी

आज़ादी की कभी शाम नहीं होने देंगे,
शहीदों की कुर्बानी बदनाम नहीं होने देंगे,
बची हो जो एक बूंद भी गरम लहू की,
तब तक भारत माता का आँचल नीलाम नहीं होने देंगे।

भारत माता की जय हम सब कहते हैं,
देश के वीर जवानों को नमन करते हैं,
उन शहीदों की कुर्बानियों को सलाम करते हैं,
जो हमें अमन और चैन का जीवन देते हैं।

वतन की मोहब्बत में खुद को तपायेंगे,
जहां जरूरत होगी अपनी जान लुटायेंगे,
क्योंकि भारत हमारा देश है प्यारा,
इसे हम नहीं मिटने देंगे, दुश्मनों से बचायेंगे।

वीरों के बलिदान को याद रखें,
उनके नक्शेकदम पर हम भी चले,
भारत माँ की सेवा में सदा रहें,
यही संदेश हम हर दिल में भरें।

सीने में है जुनून और होठों पे वंदे मातरम,
वो देश के लिए जिए और देश के लिए मरे।
मिट्टी की सौंधी खुशबू में वतन की यादें बसती हैं,
दिल में देशभक्ति की आग सदा ही जलती है।

लहराएगा तिरंगा अब सारे आसमान पर,
भारत का ही नाम होगा सबकी जुबान पर।
वो शमा जो काम आये अंजुमन के लिए,
वो जज्बा जो कुर्बान हो जाये वतन के लिए।

किसी गजरे की खुशबू को महकता छोड़ आया हूँ,
मेरे हिस्से की धरती को मैं तन्हा छोड़ आया हूँ,
मुझे छाती से अपनी तू लगा लेना ऐ भारत माँ,
मैं अपनी माँ की बाहों को तरसता छोड़ आया हूँ।

बड़े शौक से सुन रहा था जमाना,
हम ही सो गए दास्तां कहते-कहते।
वतन की मोहब्बत में खुद को तपायेंगे,
जहां जरूरत होगी अपनी जान लुटायेंगे।

उनके हौसले का भुगतान क्या करेगा कोई,
उनकी कुर्बानी का कर्ज देश पर उधार है।
वतन की राह में वतन के नौजवान शहीद हो,
मिटा दे दुश्मनों को अब ऐसा नाम बना लो।

मिटा दिया है वजूद उनका जो भी इनसे भिड़ा है,
देश की रक्षा का संकल्प जो सच्चे दिल से लिया है।
ये देश है वीर जवानों का, अलबेलों का, मस्तानों का,
इस देश का यारों क्या कहना, ये देश है दुनिया का गहना।

न झुकेगा कभी तिरंगा ये हमारा,
सदा ऊँचा रहेगा प्यारा भारत हमारा।

सरफ़रोशी की तमन्ना अब हमारे दिल में है,
देखना है ज़ोर कितना बाज़ु-ए-कातिल में है।


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